हड़कंप इंटरनेशनल डेस्क
भारत में चुनाव में अस्थिरता पैदा करने और ईरान के साथ खड़े होने से बौखलाए इजराइल को हिजबुल्लाह, लेबनानी इस्लामी प्रतिरोध और फिलिस्तीनी प्रतिरोध ने अपने अलग-अलग अभियानों में हमला कर छटी का दूध याद दिला दिया कर इनकी दुनिया में चल रही खुराफातो की हवा निकाल दी है।
हिजबुल्लाह ने कब्जे वाले फिलिस्तीन के उत्तर में ज़ायोनी शासन के यिफ्ताह अड्डे पर हमला कर दिया।हिजबुल्लाह ने उत्तर में इजरायली सेना के 769वें ब्रिगेड मुख्यालय को पूरी तरह से नष्ट करके इजरायल के युद्ध अपराधों का जवाब दिया है, यह पहले और बाद का मुख्यालय है।
इजराइल कब्जे वाले फिलिस्तीन के उत्तरी मोर्चे और गाजा पट्टी के मोर्चे पर ज़ायोनी सेना के ठिकानों को निशाना बनाया है।
किर्यत शमोना में हिजबुल्लाह की मिसाइलों से भारी नुकसान हुआ है, कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई है, इजराइल मीडिया के मुताबिक बचाव दल मौके पर पहुंचा।
अल फतह आंदोलन की सैन्य शाखा अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड (एएमबी) ने शनिवार को एक बयान में घोषणा की कि उन्होंने दक्षिणी गाजा में राफा के पश्चिम में ज़ायोनी शासन के सैन्य बलों और उनके सैन्य उपकरणों को निशाना बनाया है।
वहीं, लेबनान के हिजबुल्लाह ने एक बयान में घोषणा की कि गाज़ा में प्रतिरोधी फिलिस्तीनी राष्ट्र के समर्थन में और फिलिस्तीनी प्रतिरोध का समर्थन करते हुए, उसने स्थानीय समयानुसार सुबह 7:45 बजे रॉकेट हमलों के साथ कब्जे वाले फिलिस्तीन के उत्तर में ज़ायोनी शासन के अल-बगदादी अड्डे को निशाना बनाया।
बयान में कहा गया कि मिसाइलों ने सीधे लक्ष्य पर प्रहार किया।
वही इजराइल की AI से भारतीय चुनाव को प्रभावित करने की साजिश को ChatGPT बनाने वाली कंपनी ने रोक का दावा किया है।
आपको बता दे भारत का ईरान के साथ खुलकर खड़े होने और चाबहार पोर्ट के समझौते से इजराइल बौखला गया था और साजिश रचने लगा था।
चैटजीपीटी को बनाने वाली कंपनी ओपनएआई ने दावा किया है कि एआई के माध्यम से भारतीय चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया गया था। कंपनी का कहना है कि उसने 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करते हुए ऐसे प्रयासों को रोक दिया था। कंपनी का दावा है कि इस अभियान का टार्गेट भाजपा थी ।
चैटजीपीटी को बनाने वाली कंपनी ओपनएआई ने दावा किया है कि एआई के माध्यम से भारतीय चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया गया था। कंपनी का कहना है कि उसने 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करते हुए ऐसे प्रयासों को रोक दिया था।
ओपनएआई ने इन प्रयासों के पीछे इजरायल का हाथ बताया है। अपनी वेबसाइट पर जारी एक रिपोर्ट में कंपनी ने कहा कि इजरायल आधारित एक पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट फर्म STOIC ने गाज़ा संघर्ष के साथ-साथ भारतीय चुनावों पर भी कुछ कंटेंट तैयार किया था।
ओपनएआई ने कहा कि मई में, नेटवर्क ने ऐसे कमेंट बनाने शुरू किए, जो भारत पर केंद्रित थे। उनमें सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की आलोचना की जा रही थी, जबकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस की प्रशंसा। कंपनी ने कहा कि हमने भारतीय चुनावों पर केंद्रित इन गतिविधियों को शुरू होने के 24 घंटे से भी कम समय में रोक दिया था।
ओपनएआई ने बताया कि उसने इजरायल से संचालित किए जा रहे ऐसे कई अकाउंट्स पर रोक लगाई, जिनसे एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वेबसाइटों और यूट्यूब के लिए कंटेंट तैयार किए जा रहे थे। कंपनी ने बताया कि इस ऑपरेशन से कनाडा, अमेरिका और इजरायल में अंग्रेजी और हिब्रू भाषा से आडिएंस को टार्गेट किया जा रहा था। वहीं, मई में अंग्रेजी भाषा से भारतीय आडिएंस को टार्गेट करना शुरू कर दिया गया।
ओपनएआई की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा कुछ भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा या उनकी ओर से कराए जा रहे गलत सूचना और विदेशी हस्तक्षेप का टार्गेट थी और है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। यह स्पष्ट है कि भारत और बाहर के निहित स्वार्थ स्पष्ट रूप से इसे चला रहे हैं और इसकी गहन जांच और पर्दाफाश करने की आवश्यकता है।
ओपनएआई ने कहा कि वह सुरक्षित और व्यापक रूप से लाभकारी एआई विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने कहा कि वह ऐसी नीतियों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो दुरुपयोग को रोकें और एआई की ओर से तैयार किए गए कंटेंट की पारदर्शिता में सुधार करें।